बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अभिभावक नहीं दिख रहे गंभीर

बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अभिभावक नहीं दिख रहे गंभीर

श्रमिक मंत्र, देहरादून।  कोरोना की पिछली तीन लहरों में बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमण की चपेट में आए थे। जिले में संक्रमण की वजह से कई बच्चों की मौत भी हो चुुकी है। बच्चे कोरोना संक्रमण से बचे रहें, इसे लेकर सरकार ने 16 मार्च से 12 से 14 साल की उम्र वाले बच्चों की वैक्सीनेशन शुरू कर दी है। हालांकि अभिभावक इसे लेकर गंभीर नहीं दिख रहे और इसी कारण बच्चों की वैक्सीनेशन रफ्तार नहीं पकड़ पा रही। जिले में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटरों पर वैक्सीन लगाने के लिए बच्चे नहीं आ रहे हैं। पिछले आठ दिनों में जिले में केवल 3042 बच्चों की ही वैक्सीनेशन हो पाई है। आंकड़ों के अनुसार रोजाना 300 से 350 बच्चों की ही वैक्सीनेशन हो रही है जबकि जिले में 12 से 14 साल की उम्र के 1 लाख 90 हजार बच्चे हैं। अभी तक केवल 0.27 प्रतिशत बच्चे ही कवर हो पाए हैं। इसे लेकर सेहत विभाग व जिला प्रशासन के अफसर चिंता में हैं।जिले की वैक्सीनेशन की नोडल आफिसर व एडीसी डा. नयन जस्सल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कम होते ही लोग यह मानने लगे हैं कि कोरोना खत्म हो गया है। इसलिए वे वैक्सीनेशन नहीं करवा रहे हैं। इसी तरह की सोच लोगों ने पहली लहर व दूसरी लहर के खत्म होने पर भी दिखाई थी, जिसके गंभीर परिणाम सबके सामने आ चुके हैं। बच्चों की वैक्सीनेशन करवाकर अभिभावक संजीदगी नहीं दिखा रहे हैं, वो भी तब जब वैक्सीन हमारे लिए कोरोना से बचाव में बेहद कारगर साबित हुई है।श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट। 

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