देहरादून को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए जिलाधिकारी का बड़ा कदम

देहरादून को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए जिलाधिकारी का बड़ा कदम

देहरादून। “भिक्षा नही, शिक्षा है जरूरी” देहरादून जनपद के नवनियुक्त जिलाधिकारी कि इस पहल को सीडब्लूसी, आश्रय ट्रस्ट एवं अन्य समाजसेवी संगठनों ने सराहनीय कदम बताया है। इसके तहत बच्चों को इन्टेंसिव केयर सेन्टर में विधिवत् प्रवेश दिलाते हुए, पब्लिक स्कूलों की तरह अनुकूल माहौल में शिक्षा मुहैया कराई जाएगी। यही नहीं 24 घंटे पैट्रोलिंग 2 वाहनों के माध्यम से रेस्क्यू अभियान चलाकर भिक्षावृत्ति की साईकिलिंग को तोड़ेगें।

-भिक्षावृति पर रोक लगाने के लिए मोबाइल यूनिट बढ़ाई जाएगी।

रविवार को जिलाधिकारी दून सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में देहरादून जनपद को भिक्षावृति मुक्त करने के संबंध में बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि देहरादून शहर में कोई बच्चा भिक्षावृति करता न दिखे इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएं। भिक्षावृति एवं बाल मजदूरी करते बच्चों को रेस्क्यू कर मुख्य धारा, शिक्षा के सार्वागीण विकास से जोड़े। वाहन के माध्यम से निरंतर पेट्रोलिंग करते हुए भिक्षावृति करते बच्चों को रेस्क्यू करें।

-शहर में घुमंतु बच्चों का रेस्क्यू करेंगे

जिलाधिकारी ने भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के लिए प्रतिदिन अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि भिक्षावृति करते तथा सड़क पर घुमंतु बच्चों को रेस्क्यू करने हेतु वाहन का प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। यह वाहन शहर में घूमकर बच्चों को रेस्क्यू कर सीडब्ल्यूसी में लाएंगे। जल्द ही जनपद में दो पैट्रोलिंग वाहन का शुभारंभा किया जाएगा। जिलाधिकारी ने भिक्षावृति पर रोक हेतु मोबाइल यूनिट बढ़ाने के निर्देश जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिए।

-केयर सेंटर में शैक्षणिक माहौल बनाने के निर्देश मुख्य

शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि इन्टेंशिप केयर सेंटर का प्रस्ताव बनाए, उक्त सेंटर में बच्चों के लिए इस प्रकार से शैक्षिण वातावरण तैयार करेंगे, जिससे बच्चे उक्त परिवेश के प्रति आकर्षित हो सकें जिससे बच्चों का खिंचाव स्कूल एवं अन्य क्रियाक्लाप के प्रति हो। इस दिशा में प्रभावी कार्य करने हेतु उपस्थित सीडब्लूसी के पदाधिकारी, आसरा ट्रस्ट, सपर्मण सोसायटी, सहित अन्य संगठन के पदाधिकारी एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रम विभाग, बाल विकास विभाग, समाज कल्याण, पुलिस आदि सम्बन्धित विभाग ने सहमति जताई है।

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